i havent seen #BMB yet but is this true ahahahaaahaha a friend wrote on FB

फिल्म नहीं ..बहाना है ...."भाग मिल्खा भाग"
क्या मिल्खा सिंह को अपने देश के लोगो पे भरोसा नहीं है ?
क्या olympic में मिल्खा के चौथे रैंक आने का कारण दिखाना इतना ज़रूरी था ..?उनको और राकेश ओमप्रकाश मेहरा को शायद पता नहीं की ...हम चौथे रैंक वाले मिल्खा को भी किसी चैंपियन से कम नहीं समझते !
चाहे ये हिस्सा फिल्म में किसी भी कारण से डाला गया हो ,लेकिन दिखता ये एक excuse की तरह ही है ..ऐसा लगता है जैसे मिल्खा अपने हारने का बहाना बना रहे हों की ,(मिल्खा जो इतना बड़ा दौड़ाक था ...वो हार क्यूँ गया) । ऐसा न होता तो वो नहीं हारता ।

हर Sportsman के हारने के पीछे कोई न कोई कारण ...होता ही है ।
इसका मतलब ये नहीं की वो एक फिल्म के ज़रिये Sympathy बटोरते और बहाने बनाते चले !
इस फिल्म को लिखने में मिल्खा का भी हाथ ज़रूर रहा होगा ....और अगर ऐसा है तो ये ...उसके वजन को हल्का करने वाली फिल्म है ।
ताज्जुब तो तब होता है ..जब हम देखते हैं की जब जब मिल्खा फिल्म में किसी रेस में हारता है तब तब ..उसके पास ओमप्रकाश महरा के द्वारा दिया गया बहाना होता है ...कभी उसके पांव में पत्थर गड़ जाता है, कभी ऑस्ट्रेलिया में हारता है तो ,aiyasiyon को बहाना बताता है (लगता है जैसे कह रहे हों की ,लौंडिया बाज़ी ने मुझे हरा दिया नहीं तो… ),.. ..कभी उसके दादा पीछे से बुलाने लगते हैं वो पीछे देखने लगता है ,तब हारता है ।
पूरे फिल्म में हम ये देखने को तरस जाते हैं की ...कोई तो ऐसा रेस दिखा दो जिसमे उसके ....हारने के पीछे कोई बहाना न हो .....बस हार गया तो हार गया टाइप का ।
कभी तो उसके साथ दौड़ने वाला को धावक उससे बढ़िया होता ! लेकिन न ....मेहरा ने कहीं कोई मौका नहीं छोड़ा ये दिखने में की ...."Milkha was the best"...वो कभी हार नहीं सकता !

हम एक Biased Biopic बनाने के लिए मेहरा जी और मिल्खा को धन्यवाद देते हैं !

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